Saturday 15 February 2014

"कभी - कभी ये ख्याल आता है "

मुझे कभी - कभी ये ख्याल आता है ,
की शायद कोई है जिसे मुझपर भी प्यार आता है,
मेरा हर ग़म उस को लगता है अपना,
और मेरी हर ख़ुशी पे उस को करार आता है,
फिर जाने क्यूँ वो कहने से डरती है,
ऐसा जाने क्या उस के मन में ख्याल आता है,
आँखों से अक्सर इकरार करती है,
क्यूँ होंठों पर हर बार इनकार आता है,
सोचता हूँ मैं ही कह दूं वो जो कह न सकी,
लेकिन फिर न सुन कर बिछरने का ख्याल आता है,
चलो अच्छा है हँसते हँसते ही हम चले जायेंगे,
की शायद कोई है जिसे मुझपर भी प्यार आता है ...

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