काश ये रिश्ते
पतझड़ के पत्तों की तरह होते
मौसम के साथ बदल जाते....
काश ये रिश्ते
बादल की तरह होते
बरसते बिखर जाते....
काश ये रिश्ते
बहती हवा होते
छूते गुज़र जाते....
दिल के किसी कोने मैं
गहरा घाव तो न बनाते
आंसूं बन कर
पिघलते तो न रहते....
कितना अच्छा होता,
ये रिश्ते ही न होते................
पतझड़ के पत्तों की तरह होते
मौसम के साथ बदल जाते....
काश ये रिश्ते
बादल की तरह होते
बरसते बिखर जाते....
काश ये रिश्ते
बहती हवा होते
छूते गुज़र जाते....
दिल के किसी कोने मैं
गहरा घाव तो न बनाते
आंसूं बन कर
पिघलते तो न रहते....
कितना अच्छा होता,
ये रिश्ते ही न होते................