मैं प्रेम में था और उसे बांधने की कोशिश करने लगा ,मैं उसे जितना खुद से बांध कर रखना चाहता वो मुझसे उतना ही दूर होता चला गया ..... ये मेरी ,उसकी नहीं अधिकतर प्रेम को जीने वाले जोड़ों की कहानी है जब हम प्रेम में होते हैं तो अपने प्रेमी /प्रेमिका को कैद करने की भरपूर कोशिश करते हैं लेकिन उसका प्रतिफल ये होता है कि सामने वाला इंसान हमसे दूर जाने लगता है या बहुत सारी बातों को छुपाने लगता है ,प्रेम मुक्ति का दूसरा नाम है अगर आप प्रेम को जीना चाहते हैं और प्रेम पाना चाहते हैं आज़ाद कर दीजिये अपने जीवनसाथी को ,बार -बार शक करना छोड़ कर उन्हें करने दीजिये हर वो काम जिनमें वे खुश हैं ,उन पर भरोसा करिये क्योंकि प्रेम और भरोसा साथ -साथ चलते हैं अगर भरोसा नहीं है तो प्रेम भी निश्चित तौर पर नहीं है ,,एक बार आज़ाद करके,भरोसा करके देखिये आप का प्रेम और भी गहरा होगा और निश्चित तौर पर आपके प्रेम की आयु औसत से कहीं ज्यादा होगी।।
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Wednesday 2 August 2017
मैं प्रेम में था...!!
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