Friday 14 February 2014

निरंतर चलता हैं प्रेम...

नहीं रुकता प्रेम
कभी भी
नहीं …
कभी थमता भी नहीं
कि बिना संवाद के भी
जारी है
निरंतर संवाद !
मौन की भाषा
पढ़ती हैं आँखें
मौन के संवाद
बोलती हैं आँखें
और सुनता है ह्रदय
मौन की गूँज को
कि नहीं रुकता प्रेम
कभी भी
नहीं…
कभी थमता भी नहीं ….!

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