Wednesday 8 April 2015
जीवन होगा हर्ष भरा.....
सूरज है निस्तेज पड़ा
बादल इसके पास खड़ा,
अपने पथ पर बढ़ता सूरज
ना है कोई मद भरा.
दुःख हैं थोड़े बादल जैसे
छंट जायेंगे गम न कर,
अड़ियल बादल हट जाएंगे
दिन निकलेगा धूप भरा.
मत घबराना थोड़े दुःख से
जीवन होगा हर्ष भरा.
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