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किस्सों में पढ़ा था कहीं
था सुनहरा एक जगह अपना
जब सारी दुनिया सो रही थी
तब जगा हुआ था पटना।
शून्य कोई खोज रहा था
शान्ति कोई ला रहा था
शिक्षा कोई दे रहा था
शिक्षित कोई हो रहा था।
आंदोलनों की शुरुआत हुई है
साम्प्रदायिकता की हार हुई है
जंगों के बाद राजाओं की
अंतरात्मा से तकरार हुई है।
जीवन का चक्र है शायद
या घटी है कोई दुर्घटना।
जब सारी दुनिया जाग चुकी
अब सो रहा है पटना।
पहले था पाटलीपुत्र,
फिर हुआ पटना
पत्तन तो रहा नहीं
घटने लगी घटना ।
हाय पटना! हाय पटना! हाय पटना!
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